Thursday, April 19

RAJASTHAN DIALY UPDATE

सिंधु घाटी की सभ्‍यता मूलत: एक शहरी सभ्‍यताथी और यहां रहने वाले लोग एक सुयोजनाबद्ध और सुनिर्मित कस्‍बों में रहाकरते थे, जो व्‍यापार के केन्‍द्र भी थे।मोहन जोदाड़ो औरहड़प्‍पा के भग्‍नाव‍शेष दर्शाते हैं कि ये भव्‍य व्‍यापारिक शहर वैज्ञानिक दृष्टि से बनाए गए थे और इनकी देखभाल अच्‍छी तरह की जाती थी। यहां चौड़ी सड़कें और एक सुविकसित निकास प्रणाली थी। घर पकाई गई ईंटों से बने होते थे और इनमें दो या दो से अधिक मंजिलें होती थी।
उच्‍च विकसित सभ्‍यता हड़प्‍पा में अनाज, गेहूं और जौ उगाने की कला ज्ञात थी, जिससे वे अपना मोटा भोजन तैयार करतेथे। उन्‍होंने सब्जियों और फल तथा मांस, सुअर और अण्‍डे का सेवन भी किया। साक्ष्‍य सुझाव देते हैं कि ये ऊनी तथा सूती कपड़े पहनते थे।वर्ष 1500 से बी सीतक हड़प्‍पन सभ्‍यता का अंत हो गया। सिंधु घाटी की सभ्‍यताके नष्‍ट हो जाने के प्रति प्रचलित अनेक कारणों में शामिल है आर्योंद्वारा आक्रमण, लगातार बाढ़ और अन्‍य प्राकृतिक विपदाओं का आना जैसे कि भूकंप आदि।

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