Friday, December 9

RPSC Answers Key / Solution Second Grade Teacher Exam 2011

GK Paper Was Objective Type We Will Publish Solutions With Solved Question Paper.
Updated
Series B
1a 2a 3a 4b 5a 6c 7a 8c 9b 10 11a 12c 13d 14a 15c 16c 17a 18a 19b 20a 21a 22c 23d 24d 25d 26a 27c 28b 29a 30a 31d 32c 33b 34a 35b 36a 37c 38d 39d 40a 41a 42c 43c 44b 45d 46d 47b 48a 49c 50a 51c 52b 53c 54b 55a 56d 57 58c 59a 60c 61a 62a 63a 64b 65c 66b 67c 68b 69c 70b 71d 72a 73d 74b 75b 76c 77a 78a 79d 80b 81b 82a 83a 84c 85c 86b 87c 88a 89a 90b 91c 92a 93d 94c 95a 96a 97b 98a a 99c 100d
Series D
1a 2d 3a 4a 5d 6c 7a 8a 9b 10a 11c 12d 13a 14b 15a 16b 17a 18c 19d 20c 21b 22d 23 24c 25d 26 27c 28c 29a 30a 31b 32a 33a 34b 35d 36d 37d 38a 39c 40b 41a 42a 43d 44c 45b 46a 47b 48a 49c 50d 51d 52a 53a 54c 55c 56b 57d 58d 59b 60a 61c 62a 63c 64b 65d 66b 67a 68d 69b 70c 71a 72b 73c* 74a 75a 76b 77c 78a 79c 80b 81c 82b 83d 84a 85d 86b 87d 88c 89a 90a 91d 92b 93b 94a 95a 96b 97c 98b 99c 100a

Wednesday, December 7

RAJASTHAN UPDATE

GK
*Kark Rekha ko paar karne wali Rajasthan ki ekmatra nadi?
"Mahi"

Bikaner Prajamandal ki sthapana kab hui?
"1936"
GK
*National Parks*

Kanha=>Chathisgadh

Jimcarbet=>Nenitaal

Khajiranga & Manasa=>Assom

Gir=>Gujarath

Sariska=>Rajasthan
GK
National Parks:
Kanha-Chathisgadh
Jimcarbet-Ninetal
Khajiranga & Manasa- Assom
Gir-Gujarath
Sariska-Rajasthan
Gk...
>>Shri Narsimhan Committee
constituted in Dec, 1995 was associated with implementation of Financial System Reforms.
Gk...
>>Security & Exchange Board of India (SEBI) was established on April 12, 1992

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Sunday, November 27

RAJASTHAN DIALY UPDATE

>Nritya ki Kathak shaili ka adim gharana?(R-04)
"Jaipur"

>Raj. mein Baudh sanskriti ke prachin avsesh kahan mile hain?(R-07)
"Bairath"

>First and the Last Indian Governor General of Free India?
"C. Rajagopalachari"

>First Prime Minister of Great Britain?
"Robert Walpole"

>Raj. ka Vishwanathan Anand?
"Abhijeet Gupta"

>Raj. Ka Nehru?
"Yugal Kishore Chaturvedi"

>Mewar ka Bhishm?
"Rana Chunda"

>Camel Man?
"Ashok T

Kam se kam time mein max. taiyari k liye-
Raj.GK DVD, Raj.GK-II VCD, Samsamyiki, Siksha Manovigyan& others.
Sabhi Book Stalls par uplabdh.

Sunday, November 20

RAJASTHAN DIALY UPDATE

>Thar ka kalpvriksh?(RAS97)
"Khejri"

>Guru Shikhar ki unchai?(RAS08)
"1722 m"

>Indira Gandhi Nahar k Yojnakar?(RAS87)
"kanwarsen"

>ausa ki sthapana-10/4/91
>Jaipur Sthapana-1727

>Antarctica jane wali 1st Indian Woman-Dr.Kanwal Viku.

>Gateway of India kab bana-1911.

>Computer Literacy Day-2 Dec.

>Land of Ice & Fire-iceland.

>'Sishupal Vadh' ka writer kaun tha?(R-10)
"Bheenmal ka Maagh"

>Rekha Acharya ka relation kis sehai?(R-09)
"Power Lifting"

>Sanvidhan mein 9th anusuchi kab jodi gayi?
"1951"

>Sanvidhan ki Prastavna mein kitni baar sansodhan ho chuka hai?
"Ek Baar"

>IBSA ka 5th Sikhar Samelan Oct-11 mein kahan aayojit hua?
"Pritoria"

>2011 ka Int.Mahtma Gandhi Santi Prize kise diya gaya?
"Dalai Lama"
.
>Largest district in India>Kacch,Gujrat

>Smallest district in India>Mahe

>Which city is called as Eternal city>Rome

>UK's National Bird: Robin Redbreast

>1st Spaceship landed on Mars: Odyssey

>NCC Motto: Unity & Discipline

>Smallest National Park: Guindy, TN

>Arbuda Devi Mandir-Mt. Abu(Sirohi).

>Kunwari Kanya Mandir-Mt. Abu(Sirhoi).

>Achaleshwar Mahadeo Mandir-Sirohi.

>Duttatrey Mandir-Gurusikhar(Sirhoi).

>Matherna Kala: Bikaner.
>Kota Doria/ Masuria Saree/ Raj. ki Banarsi Saree: Kaithun(Kota)& Mangrol

>Amrita Devi Mrigvan kahan hai?(R-09)
"Khejarli"

>Rana Sanga ne kis Yudh mein Babar ki sena ko haraya tha?(R-10)
"Bayana"

>Rana Pratap Sagar Pan Vidyut Grah kahan hai?(RAS07)
"Rawatbhata"

>Raj. mein Agriculture Univ. kahan h?
"Bikaner"

>Hindustan Sambhar Salts kiske dwara sanchalit h?(RAS99)
"Central Govt."

>Myanmar se Max. Sima India ke kis state ki lagti h?(RAS07)
"Arunachal Pr"

>SIM-Subscribers Identification
Module
PIN code-Postal Index
Number
PAN -Permanent
Account Number
LCD-Liquid Crystal Display

Friday, November 11

RAJASTHAN DIALY UPDATE

15. झीलवाड़ा की नाल या पगल्या से कौनसे दो ज़िले जुड़ते हैं ?
*. नागौर-अजमेर
*. ✓​ पाली-राजसमन्द
*. डूंगरपुर-उदयपुर
*. सिरोही-उदयपुर
झीलवाड़ा की नाल , जिसे देसूरी की नालया पगल्या नाम से भी जानाजाता है, मेवाड़ को मारवाड़ से जोड़ती है। मुगलों के समय हल्दीघाटी के युद्ध के पश्चात्मुगलों ने अधिकांश आक्रमण इसी नाल से घुस कर किये। इसके अतिरिक्त मेवाड़ को मारवाड़ सेजोडऩे वाली अन्य नाल सोमेश्वर की नाल, हाथीगुड़ा की नाल, भाणपुरा की नाल (राणकपुर का घाटा), कामली घाट, गोरम घाट व काली घाटी है।
16. निजी क्षेत्र में पवन ऊर्जाकी पहली इकाई कहां स्थापित हुई थी और कब हुई थी ?
*. फलौदी 2010
*. हर्षपर्वत 2005
*. देवगढ़, 2007
*. ✓​ जैसलमेर, 2001
17. जिप्सम के उत्पादन के लिए आजादी के पहले और आज भी अग्रणी है।
*. बाड़मेर
*. गंगानगर
*. नागौर
*. ✓​ बीकानेर
18. 2001 की जनगणना और 2007 की पशुगणना में किस ज़िलों में सर्वाधिक लिंगानुपात, सर्वाधिक पशुधनत्व और सर्वाधिक हिंदू आबादी का प्रतिशत पाया गया है ?
*. ✓​ डूंगरपुर
*. जयपुर
*. बाँसवाड़ा
*. बाड़मेर
19. हांग-कांग की फोकस एनर्जी नामक कम्पनी हमें गैस की खोज औरउसके उत्पादन में सहयोग कर रही है। इसको वर्तमान में कौनसा कार्यक्षेत्र दिया गया है।
*. सांचोर
*. तनोट
*. ✓​ शाहगढ़
*. बाधेवाला
वर्तमान में फोकस एनर्जी द्वारा क्षेत्र में उत्पादित की जाने वाले बैस की सप्लाई रामगढ़ स्थित विद्युत तापीय गृह को की जा रही है। वर्तमान में 70 लाख क्यूबिक फीट गैस की सप्लाई हो रही है।
20. ए.जी.जी. राजस्थान में अँग्रेज़ी राज के प्रतिनिधि हुआ करते थे। उनका कार्यालय प्रारम्भ में अजमेर में था, जिसे माउन्ट आबू में इस वर्ष स्थानान्तरित कर दिया गया था।
*. ✓​ 1856
*. 1889
*. 1835
*. 1902
21. राजस्थान में सर्वाधिक प्रतिशत किस प्रकार के वनों का पाया जाता है ?
*. ढाक वन
*. सालर वन
*. ✓​ धौंक वन
*. बांस वन
22. राज्य में तिल के उत्पादन में अग्रणी ज़िलों का सही अवरोही क्रम है।
*. पाली, नागौर, अजमेर, जयपुर
*. ✓​ पाली, सवाईमाधोपुर, जोधपुर,करौली
*. कोटा, करौली, बारां, जयपुर
*. जयपुर, अजमेर, टोंक, पाली
23. कुड़क, मुरकी, ओगन्या, टोटी व गुड़दा, शरीर के किस भाग में पहने जाने वाले गहने हैं ?
*. नाक
*. ✓​ कान
*. हाथ
*. गला
24. मूलतः यह नाट्य गायन पठानोंकी पश्तो भाषा में होता था। राजस्थान आकर यह यहां के रंग में रंग गया है।
*. जयपुरी ख्याल
*. तुर्रा कलंगी
*. ✓​ चारबैत ख्याल
*. माच ख्याल
25. भपंग किस प्रकार का वाद्य है ?
*. अवनद्य
*. सुषिर
*. ✓ धन
*. तत्
भपंग - तूंबे के पैंदे पर पतली खाल मढी रहती है। खाल के मध्य में छेद करके तांत का तार निकाला जाता है। तांत के ऊपरी सिरे पर लकड़ी का गुटका लगता है। तांबे को बायीं बगल में दबाकर, तार को बाएँ हाथ से तनाव देते हुए दाहिने हाथ की नखवी सेप्रहार करने पर लयात्मक ध्वनि निकलती है।

RAJASTHAN DIALY UPDATE

1. बिजोलिया की तरह बेगूं क्षेत्र में भी किसान आंदोलन काफी प्रभावी रहा था। यहां के गोविन्दपुरा गांव में हुए गोलीकांड में दो किसान शहीद हुए थे। यह गोली कांड किस वर्ष हुआ था?
*. 1925
*. ✓​ 1923
*. 1935
*. 1913
महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से पहले शुरु हुए बेगूं बिजौलियां के किसान आंदोलन ने इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा है। देश की आजादी के लिए बेगूं के किसानों ने कोड़ों की मार झेली, जेल गए। रूपाजी करपाजी भी कई यातनाएं सहते हुए शहीद हो गए, लेकिन गुलामी स्वीकार नहीं की।
2. पिंगल भाषा पर जिस क्षेत्र का असर पड़ा था, वह है-
*. मालवा
*. सिंध
*. ✓​ ब्रज
*.
गुजरात
डॉ. तेसीतोरी ने राजस्थान के पूर्वी भाग की भाषा को पिंगल अपभ्रंश नाम दिया है। उनके अनुसार इस भाषा से संबंद्ध क्षेत्र में मेवाती, जयपुरी, आलवी आदि बोलियाँ मानी हैं। पूर्वी राजस्थान में, ब्रज क्षेत्रीय भाषा शैली के उपकरणों को ग्रहण करती हुई, पिंगल नामक एक भाषा- शैली का जन्म हुआ, जिसमें चारण- परंपरा के श्रेष्ठ साहित्य की रचना हुई।
3. करौली ज़िले के हिण्डोन क़स्बे में लाल पत्थर की राज्य की सबसे बड़ी मंडी है। जहां के कारीगर लाल पत्थर की मूर्तियाँभी खूब बनाते हैं। तो यहां का यह हस्त शिल्प भी कम नहीं है।
*. मखमल
*. जूतियाँ
*. कांच की चूड़ियाँ
*. ✓​ लाख की चूड़ियाँ
4. कलख वृद्ध सिंचाई परियोजना का संबंध किस ज़िले से है?
*. अजमेर
*. सवाईमाधोपुर
*. ✓​ जयपुर
*. भीलवाड़ा
5. राजस्थान के इस गांव में पत्थरों से होली खेलना और खून बहाना आज भी शुभ माना जाता है।
*. बालोतरा
*. सारेगबास
*. भिनाय
*. ✓​ भीलूड़ा
राजस्थान भर में अपनी तरह की अनूठी एवं दूर-दूर तक मशहूर पत्थरमार होली आदिवासी बहुल वागड़ के भीलूड़ा गांव में खेली जाती है जिसमें लोग रंग-गुलाल और अबीर की बजाय एक-दूसरे पर पत्थरों की जमकर बारिश कर होली मनाते हैं। इस गांव की युगों पुरानी परम्परा के अनुसार धुलेड़ी पर्व के दिन शाम को इसका रोमांचक नज़ारा रह-रह कर साहस और शौर्य का दिग्दर्शन कराता है।
6. स्थानीय भाषा राजस्थान की इसमहत्वपूर्ण वन उपज को ‘टिमरू’ कहते हैं।
*. बांस
*. खैर
*. ✓​ तेंदू
*. महुआ
तेंदू पत्ते से बीड़ी तैयार की जाती है। वागड़ की आबोहवा तेंदू पत्तों के उत्पादन के लिए अनुकूल है।
7. कमला व इलाइची नाम की महिला चित्रकार किस शैली से जुड़ी थी?
*. ✓​ नाथद्वारा
*. मेवाड़
*. मारवाड़
*. जयपुर
8. दयाबाई एवं सहजोबाई का संबंधकिस सम्प्रदाय से था ?
*. रामस्नेही
*. नाथ
*. दादू
*. ✓​ चरणदासी
संत चरणदास के परम शिष्यों रामरूप जी ,जोगजीत जी, सरस मादुरी शरण , सहजोबाई और दयाबाईने अपनी रचनाओ मे बार बार गुरुदेव जी का यश गया है उन्होने गुरुदेव को लोहे को सोना बना देने वाला परस और बेकार वृक्षों को अपनी सुगंधी से सुगन्धित कर देने वाला चन्दन कहा है सतगुरु के प्रेम मे मगन सहजोबाई ने सतगुरु को हरी से भी ऊँचा दर्जा दिया है
9. यह भी ‘बणी-ठणी’ के लिए प्रसिद्ध चित्रकार निहालचन्द की प्रसिद्ध कृति रही है।
*. चोर पंचाशिका
*. रागमाला
*. ✓​ राधा-कृष्ण
*. गुलिस्तां
किशनगढ़ चित्रशैली का प्रसिद्ध चित्रकार ‘निहालचन्द था, जिसने प्रसिद्ध ‘बनी-ठणी’ चित्र चित्रित किया।
10. इन्हें बागड़ की मीरां कहा जाता है।
*. काली बाई
*. कृष्णा कुमारी
*. देऊ
*. ✓​ गवरी बाई
संवत् 1815 में राम नवमी के दिन एक नागर ब्राह्मण परिवार में इस कन्या का जन्म हुआ। साधारण परिवार में जन्मी इस कन्या का नाम गवरी बाई था जिसे आज इतिहास में ‘‘वागड़ की मीरा’’ के नाम से जाना जाता है।
11. राज्य की सबसे छोटी बकरी की नस्ल है।
*. जमनापारी
*. परबतसरी
*. ✓​ बारबरी
*. जखराना
12. ‘ कलीला - दमना’ की चित्राकंन परम्परा को मेवाड़ के शासक संग्राम सिंह द्वितीय ने प्रश्रय दिया था। यह पंचतंत्र का अनुवाद था , जो स्थानीय शैली में चित्रों के माध्यम से किया गया था। इसके प्रमुख कलाकार थे -
*. ✓​ नुरूद्दीन
*. सुरजन
*. साहिबदीन
*. रघुनाथ
13. निम्न में से किस खनिज से राज्य सरकार को सर्वाधिक राजस्व मिलता है ?
*. मार्बल
*. लिग्नाइट
*. तांबा
*. ✓​ सीसा-जस्ता
अलौह धातु सीसा, जस्ता एवं ताबां के उत्पादन मूल्य की दृष्टि से देश में राजस्थान का प्रथम स्थान है तथा लौह खनिज टंगस्टन आदि के उत्पादन मूल्य में प्रदेश का चौथा स्थान बन गया है।
14. सोनामुखी के बेहतर विपणन केलिए विशिष्ट मंडी कहां स्थापितकी गई है
*. बाड़मेर
*. सोजत
*. ✓​ जोधपुर
*. जालोर
फलौदी, जि. जोधपुर में। सोनामुखी का पौधा मूलतः अरब देशों से भारत में आया है। इसकोहिन्दी में सनाय, राजस्थानी में सोनामुखी कहते हैं। भारत में अधिकतर इसकी खेती तमिलनाडूमें की जाती है। भारत का सोनामुखी की खेती में विश्व में प्रथम स्थान है। भारत से प्रति वर्ष तीस करोड़ रुपये से अधिक की सोनामुखी की पत्तियों का निर्यात किया जाता है। सोनामुखी की पत्तियों का उपयोगआयुर्वेदिक, यूनानी तथा एलोपैथिक दवाइयों के निर्माण में किया जाता है। यह फ़सल हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम भागों में आसानी से उगाई जा सकती है। पूर्णतया बंजर भूमि में उपजाए जा सकने वाले इस औषधीय पौधे के लिए न तो ज़्यादापानी की आवश्यकता होती है तथा नही खाद की और न ही किसी विशेष सुरक्षा अथवा देखभल की। इसको लगाने के उपरान्त न तो कोई पशु आदि खाते हैं। इस प्रकार हरियाणा के विभिन्न भागों में विशेष रूप से बंजर भूमि में इस औषधीय पौधे को खेती करके पर्याप्त लाभ कमाया जा सकता है।

Friday, October 28

Latest GK questions October, 2011

GK India: Latest GK questions October, 2011: Who were given Sikh Heritage Award 2011 for their contribution to elevating the Sikh experience? - Navtej Sarna (Category of Award ;Vision...

RAJASTHAN DIALY UPDATE

>Mallinath ka mela : pashchimi rajka sabse bada pashu maila badmer ke
tilwara Mai chaitra Krishna ekadashi
ko mallinath ki smrati Mai ek pakhwade

>jasta ayesk ki khane kis jile
me hai-udaipur

>raj ka kendriya
vishvavidyalaya hai-kishangad

>ganga mandir-bharatpur

>mev lok nartya-
ranbaja nirt

>Full forms-
KISHNGRAH SELI ME PINK AND
WHITE COLOR KA PRAYOG HOTA
THA

>MANGO KA TREE JODHPUR SELI KA
FAMOUS HAI

>BHARAT KI MONALISA?
=BANI THANI

>Banswara mein Brahmaji ka mndir kaha hai- Chhinch mein

>Shakti aur Bhakti ka nagar- Chittorgarh

>Daudi Bohra smprday ka pvitr sthl-Galiakot

>Nobel prize winners (indian)
RAJ. ka pehla Eco Frezile Zone-Mount Abu

>Sbse purani Dairy-Padma Dairy, Ajmer

>Pehla Agro Food Park-Ranpur, Kota

>Bindori Nritya-Jhalawar

>Raj. mein first Cement karkhana-Lakheri

>Raj. me adhunik tarike se namakutpadan 1789 se

>Powerloom Udyog Training kendra-Bhilwara

>Rajasthani" word sabse pahele George Abraham ne 1912 mein 'Linguistic Survey of India' mein kiya.

>Mewati Boli-Alwar,Bharatpur,Dholpur,Karoli

Wednesday, October 12

भारतीय अर्थव्यवस्था से पूँछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

1. 'Value and Capital' किसकी रचना है ?
उत्तर: हिक्स की
2. क्लोज्ड इकॉनोमी किस अर्थव्यवस्था को कहते हैं ?
उत्तर: जिसमें आयात-निर्यात नहीं होते
3. किसी देश के जीवन स्तर की मापकिससे की जाती है ?
उत्तर: प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय से
4. भारत की जनसँख्या वृद्धि के इतिहास में किस वर्ष को 'महा विभाजन वर्ष' कहा जाता है ?
उत्तर: 1921 को
5. शून्य आधारित बजट किसे कहते हैं ?
उत्तर: हर बार नए सिरे से बजट तैयार करना
6. वर्ष 1934 में लिखी गयी पुस्तक 'प्लानिंग फॉर इंडिया' के लेखक कौन थे ?
उत्तर: sir vishveshwaraiah
7. 'न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम' किस पंचवर्षीय योजना में प्रारंभ किया गया था?
उत्तर: पाँचवीं पंचवर्षीय योजना
8. कौनसी पंचवर्षीय योजना अपनी अवधि पूरी होने से एक वर्ष पूर्व ही समाप्त घोषित की गई थी?
उत्तर: पाँचवीं पंचवर्षीय योजना
9. पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप से अनुमोदित करने वाली संस्था है ?
उत्तर: राष्ट्रीय विकास परिषद्
10. अंतर्राष्ट्रीय विकास संस्था एवं विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त प्रोजेक्टों की राशि किसके माध्यम से वितरित की जाती है ?
उत्तर: कृषि पुनर्वित एवं विकास निगम द्वारा

Sunday, October 2

राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी - 1 अक्टूबर 2011

1. गवरी लोक नाट्य के अवसान को क्या कहा जाता है?
उत्तर- वळावन
2. खेत को जोतने से पहले काँटे वझाड़ियों को हटा कर खेत को साफ करने की प्रक्रिया क्या कहलातीहै?
उत्तर- सूंड
3. विवाह से पूर्व वर या वधू तथाउसके मित्रों को गाँव या मोहल्ले के लोग अपने घर में आमंत्रित करके भोज देते हैं। यह प्रथा क्या कहलाती है?
उत्तर- बिन्दोला प्रथा
4. विवाह के एक दिन पूर्व वर को गांव-मुहल्ले में घुमाए जाने की प्रथा क्या कहलाती है?
उत्तर- बिंदोली
5. बहन के पुत्र या पुत्री के विवाह के अवसर पर भाई द्वारा बहन-बहनोई को वस्त्र व आभूषण तथा उसके परिजनों को साड़ी पगड़ी आदि दिए जाने की प्रथा को क्या कहते हैं?
उत्तर- मायरा
6. दहेज को राजस्थान में क्या कहा जाता है?
उत्तर- डायचा
7. विवाह से पूर्व वर या वधू को हल्दी व बेसन के उबटन लगाने की प्रथा को क्या कहते हैं?
उत्तर- पीठी करना
8. विवाह के अवसर पर वधू पक्ष द्वारा वर पक्ष का स्वागत करने की प्रथा को क्या कहते हैं?
उत्तर- सामेला
9. किस त्यौहार पर सुहागिने ऐवात (सुहाग) की सामग्री अन्य स्त्रियों को भेंट करती है?
उत्तर- मकर संक्रांति को
10. नानी बाई रो मायरो नामक प्राचीन रचना के लेखक कौन है?
उत्तर- नरसी मेहता

Thursday, September 29

राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी - 28 सितंबर 2011

1. राजस्थान में किस त्यौहार पर महिलाएँ नरबछड़े वाली दुधारू गाय की पूजा करती है, बिना कटी सब्जी व मक्का की रोटी खाती है तथा गाय का दूध काम में नहीं लेती है?
उत्तर- वत्स द्वादशी या बच्छ बारस को
2. राजस्थान में खेतों में सिंचाई करने की प्रक्रिया को कहते हैं?
उत्तर- पाणत करना
3. राजस्थान में बंधुआ मजदूरी प्रथा का अन्य नाम क्या है?
उत्तर- सागड़ी प्रथा
4. राजस्थान में सती प्रथा को सर्वप्रथम किस रियासत में गैर कानूनी घोषित किया था?
उत्तर- बूँदी में
5. राजस्थान में साझा द्वारा खेती की प्रथामें कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की जमीन पर खेती करता है जिसमें उसे उपज का आधा या निश्चित हिस्सा मिलता है। इस प्रकार खेती करने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं?
उत्तर- सिजारी
6. किस प्रथा को सहगमन या अन्वारोहण भी कहा जाता था?
उत्तर- सती प्रथा को
7. किसी व्यक्ति की मृत्यु पर इसके 11 वें या 12 वें पर दिए जाने वाले भोज को क्या कहते हैं?
उत्तर- मौसर
8. विवाह के दूसरे दिन दिए जाने वाले सामूहिक प्रीतिभोज को क्या कहा जाता है?
उत्तर- बढ़ार
9. बारात की विदाई पर वधू पक्ष द्वारा बारातियों को दिया जाने वाला उपहार देने की परंपरा को क्या कहते हैं?
उत्तर- पहरावणी या रंगबरी
10. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में शाक सब्जी व अन्य सामान खरीदने के बदले मेंदिया जाने वाला अनाज को क्या कहते हैं?
उत्तर- कीणा या आकीणा

राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी - 28 सितंबर 2011

1. राजस्थान में किस त्यौहार पर महिलाएँ नरबछड़े वाली दुधारू गाय की पूजा करती है, बिना कटी सब्जी व मक्का की रोटी खाती है तथा गाय का दूध काम में नहीं लेती है?
उत्तर- वत्स द्वादशी या बच्छ बारस को
2. राजस्थान में खेतों में सिंचाई करने की प्रक्रिया को कहते हैं?
उत्तर- पाणत करना
3. राजस्थान में बंधुआ मजदूरी प्रथा का अन्य नाम क्या है?
उत्तर- सागड़ी प्रथा
4. राजस्थान में सती प्रथा को सर्वप्रथम किस रियासत में गैर कानूनी घोषित किया था?
उत्तर- बूँदी में
5. राजस्थान में साझा द्वारा खेती की प्रथामें कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की जमीन पर खेती करता है जिसमें उसे उपज का आधा या निश्चित हिस्सा मिलता है। इस प्रकार खेती करने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं?
उत्तर- सिजारी
6. किस प्रथा को सहगमन या अन्वारोहण भी कहा जाता था?
उत्तर- सती प्रथा को
7. किसी व्यक्ति की मृत्यु पर इसके 11 वें या 12 वें पर दिए जाने वाले भोज को क्या कहते हैं?
उत्तर- मौसर
8. विवाह के दूसरे दिन दिए जाने वाले सामूहिक प्रीतिभोज को क्या कहा जाता है?
उत्तर- बढ़ार
9. बारात की विदाई पर वधू पक्ष द्वारा बारातियों को दिया जाने वाला उपहार देने की परंपरा को क्या कहते हैं?
उत्तर- पहरावणी या रंगबरी
10. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में शाक सब्जी व अन्य सामान खरीदने के बदले मेंदिया जाने वाला अनाज को क्या कहते हैं?
उत्तर- कीणा या आकीणा

Saturday, September 24

राजस्थान - भौगोलिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य

राजस्थान की चोहरी इसे एक पतंगाकार आकृति प्रदान करता है।राज्य २३ ० से ३० ० अक्षांश और ६९ ० से ७८ ० देशान्तर के बीच स्थित है। इसके उत्तर में पाकिस्तान, पंजाब और हरियाणा, दक्षिण में मध्यप्रदेश और गुजरात, पूर्व में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेशएवं पश्चिम में पाकिस्तान है। सिरोही से अलवर की ओर जाती हुई ४८० कि.मी. लम्बी अरावली पर्वत श्रृंखला प्राकृतिक दृष्टि से राज्य को दो भागों में विभाजित करती है। राजस्थान का पूर्वी सम्भाग शुरु से ही उपजाऊ रहा है।इस भाग में वर्षा का औसत ५० से.मी. से ९० से.मी. तक है। राजस्थान के निर्माण के पश्चात्चम्बल और माही नदी पर बड़े-बड़े बांध और विद्युत गृह बने हैं, जिनसे राजस्थान को सिंचाई और बिजली की सुविधाएं उपलब्ध हुई है। अन्य नदियों पर भी मध्यम श्रेणी के बांध बने हैं। जिनसे हजारों हैक्टर सिंचाई होती है। इस भाग में ताम्बा, जस्ता, अभ्रक,पन्ना, घीया पत्थर और अन्य खनिज पदार्थों के विशाल भण्डार पाये जाते हैं। राज्य का पश्चिमी संभाग देश के सबसे बड़े रेगिस्तान "थारपाकर' का भाग है। इस भाग में वर्षा का औसत १२ से.मी. से ३० से.मी. तक है। इस भाग में लूनी, बांड़ी आदि नदियां हैं, जो वर्षा के कुछ दिनों को छोड़कर प्राय: सूखी रहती हैं। देश की स्वतंत्रता से पूर्व बीकानेर राज्य गंगानहर द्वारा पंजाब की नदियों से पानी प्राप्त करता था। स्वतंत्रता केबाद राजस्थान इण्डस बेसिन से रावी और व्यास नदियों से ५२.६ प्रतिशत पानी का भागीदार बन गया। उक्त नदियों का पानी राजस्थान में लाने के लिए सन् १९५८ में राजस्थान नहर (अब इंदिरा गांधी नहर) की विशाल परियोजना शुरु की गई। यह परियोजना सन् २००५ तक सम्पूर्ण होगी। इस परियोजना पर ३००० करोड़ रु. व्यय होने का अनुमान है। इस समय इस पर १६०० करोड़ रु. व्यय हो चुके हैं। अब तक ६४९ कि.मी. लम्बी मुख्य नहर पूरी हो चुकी है। नहर की वितरिका प्रणाली लगभग ९००० कि.मी. होगी, इनमें से ६००० कि.मी. वितरिकाएं बन चुकी है। इस समय १० लाख हैक्टेयर भूमि परियोजना के सिंचाई क्षेत्र में आ गई है। परियोजना के पूरी होने के बाद क्षेत्र की कुल १५.७९ लाख हैक्टेयर भूमि सिंचाई से लाभान्वित होगी, जिससे ३५ लाख टनखाद्यान्न, ३ लाख टन वाणिज्यिक फसलें एवं ६० लाख टन घास उत्पन्नहोगी। परियोजना क्षेत्र में कुल५ लाख परिवार बसेंगे। जोधपुर, बीकानेर, चुरु एवं बाड़मेर जिलों के नगर और कई गांवों को नहर से विभिन्न "लिफ्ट परियोजनाओं' से पहुंचाये गये पीने का पानी उपलब्ध होगा। इस प्रकार राजस्थान के रेगिस्तान का एक बड़ा भाग शस्य श्यामला भूमि में बदल जायेगा। सूरतगढ़ में यह नजारा इस समय भी देखा जा सकता है। इण्डस बेसिन की नदियों पर बनाई जाने वाली जल-विद्युत योजनाओं में भी राजस्थान भागीदार है। इसे इस समय भाखरा-नांगल और अन्य योजनाओं के कृषि एवं औद्योगिक विकास में भरपूर सहायता मिलती है। राजस्थान नहर परियोजना के अलावा इस भाग में जवाई नदी पर निर्मित एक बांध है, जिससे न केवल विस्तृत क्षेत्र में सिंचाई होती है, वरन् जोधपुर नगरको पेय जल भी प्राप्त होता है। यह सम्भाग अभी तक औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। पर इस क्षेत्र में ज्यो-ज्यों बिजली और पानी की सुविधाएं बढ़ती जायेंगी औद्योगिक विकास भी गति पकड़ लेगा। इस बाग में लिग्नाइट,फुलर्सअर्थ, टंगस्टन, बैण्टोनाइट, जिप्सम, संगमरमर आदि खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। जैसलमेर क्षेत्र में तेल मिलने की अच्छी सम्भावनाएं हैं। हाल ही की खुदाई से पता चला है कि इस क्षेत्र में उच्च कि की गैस प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अब वह दिन दूर नहीं है जबकि राजस्थान का यह भाग भी समृद्धिशाली बन जाएगा। राज्य का क्षेत्रफल ३.४२ लाख वर्ग कि.मी. है जो भारत के क्षेत्रफल का १०.४० प्रतिशत है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। वर्ष १९९६-९७ में राज्य में गांवों की संख्या ३७८८९ और नगरों तथा कस्बों की संख्या २२२ थी। राज्य में ३२ जिला परिषदें, २३५ पंचायत समितियां और ९१२५ ग्राम पंचायतें हैं। नगर निगम २ और सभीश्रेणी की नगरपालिकाएं १८० हैं। सन् १९९१ की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या ४.३९ करोड़ थी। जनसंखाय घनत्व प्रति वर्ग कि.मी. १२६ है। इसमें पुरुषों की संख्या २.३० करोड़ और महिलाओं कीसंख्या २.०९ करोड़ थी। राज्य मेंदशक वृद्धि दर २८.४४ प्रतिशत थी, जबकि भारत में यह दर २३.५६ प्रतिशत थी। राज्य में साक्षरता३८.८१ प्रतिशत थी. जबकि भारत की साक्षरता तो केवल २०.८ प्रतिशत थी जो देश के अन्य राज्यों में सबसे कम थी। राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति राज्यकी कुल जनसंख्या का क्रमश: १७.२९ प्रतिशत और १२.४४ प्रतिशत है। १९९६-९७ के अन्त में प्राथमिक विद्यालय ३३८९, उच्च प्राथमिक विद्यालय १२,६९२, माध्यमिक विद्यालय ३५०१ और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय १४०४ थे। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ६, "डीम्ड' विश्वविद्यालय ४, कला वाणिज्य और विज्ञान महाविद्यालय २३१, इंजीनियकिंरग कॉलेज ७, मेडिकल कॉलेज ६, आयुर्वेद महाविद्यालय ५ और पोलीटेक्निक २४ हैं।

राजस्थान सामान्य ज्ञान - आज की क्विज

1. किस नागवंशीय जाट लोकदेवता ने मेर लुटेरों से गाय छुडाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी? उ. तेजाजी ने 2. राणी सती माता-झुंझुनूं का वास्तविक नाम क्या था? उ. नारायणी 3. आईमाता ( बिलाडा-जोधपुर ) किस लोकदेवता की शिष्या थी? उ. रामदेव जी की 4. राजसमंद झील के किनारे नौ-चौकी पाल पर किस लोक देवी का मंदिर बना है? उ. घेवर माता का 5. कौनसे लोकदेवता राजस्थान के गाँव गाँव में भूमि रक्षक देवता के रूप में पूजे जाते हैं? उ. भोमिया जी 6. शीतला माता का प्रसिद्ध मंदिर कहाँ स्थित है? उ. चाकसू जयपुर में 7. लोकदेवता हड़बूजी किस शासक केसमकालीन थे? उ. राव जोधा के 8. लोक देवता तेजाजी की घोड़ी का नाम क्या था? उ. लीलड़ी 9. देवनारायण जी की फड़ किस जाति के भोपों द्वारा बाँची जाती है? उ. गुर्जर जाति के द्वारा 10. किस लोक संत ने ब्रज चरित्र और धर्म जहाज पुस्तकों की रचना की थी? उ. चरणदासजी ने

Friday, September 23

राजस्थान सामान्य ज्ञान- राजस्थान के प्रसिद्ध साके एवं जौहर–

राजस्थान के गौरवशाली इतिहास में "जौहर तथा साकों" का अत्यंतविशिष्ठ स्थान है। यहाँ के रणबाँकुरे वीर राजपूत सैनिकों तथा उनकी स्त्रियों ने पराधीनता को स्वीकार करने की बजाए सहर्ष मृत्यु का आलिंगन करते हुए अपनी जान मातृभूमि पर न्यौछावर कर दी। जौहर व साका उसस्थिति में किए गए जब शत्रु को घेरा डाले बहुत अधिक दिन हो गए और अब युद्ध लड़े बिना नहीं रहा जा सकता। जौहर- युद्ध के बाद महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों व व्यभिचारों से बचने तथा अपनी पवित्रता कायम रखने हेतु महिलाएं अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा करके जलती चिताओं में कूद पड़ती थी। वीरांगना महिलाओं का यह आत्म बलिदान का कृत्य जौहर के नाम इतिहास में विख्यात हुआ। साका- महिलाओं को जौहर की ज्वाला में कूदने का निश्चय करते देख पुरूष केशरिया वस्त्र धारण कर मरने मारने के निश्चय के साथ दुश्मन सेना पर टूट पड़ते थे। इसे साका कहा जाता है। 1. चित्तौड़गढ़ के साके- चित्तौड़ में सर्वाधिक तीन साकेहुए हैं। > प्रथम साका- यह सन् 1303 में राणा रतन सिंह के शासनकाल में अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़ पर आक्रमण के समय हुआ था। इसमें रानी पद्मनी सहित स्त्रियों ने जौहर किया था। > द्वितीय साका- यह 1534 ईस्वी में राणा विक्रमादित्य के शासनकाल में गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह के आक्रमण के समय हुआ था। इसमेंरानी कर्मवती के नेतृत्व में स्त्रियों ने जौहर किया था। तृतीय साका- यह 1567 में राणा उदयसिंह के शासनकाल में अकबर के आक्रमण के समय हुआ था जिसमें जयमल और पत्ता के नेतृत्व में चित्तौड़ की सेना ने मुगल सेना का जमकर मुकाबला किया और स्त्रियों ने जौहर किया था। 2. जैसलमेर के ढाई साके- जैसलमेर में कुल ढाई साके होना माना जाता है। इसके तीसरे साके में वीरों ने केसरिया तो किया था किन्तु जौहर नहीं हुआ इस कारण इसको अर्ध साका कहा जाता है। > प्रथम साका- यह अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय हुआ था। > द्वितीय साका- यह फिरोजशाह तुगलक के आक्रमण के समय हुआ। > तृतीय साका (अर्ध साका)- यह लूणकरण के शासन काल में कंधार के शासक अमीर अली के आक्रमण के समय हुआ था। 3. गागरोण के किले के साके- > प्रथम साका- 1423 ईस्वी में अचलदास खींची के शासन काल में माण्डू के सुल्तान होशंगशाह के आक्रमण केसमय हुआ था। > द्वितीय साका- यह सन् 1444 में माण्डू के सुल्तान महमूद खिलजी के आक्रमणके समय हुआ था। 4. रणथंभौर का साका- यह सन् 1301 में अलाउद्दीन खिलजी के ऐतिहासिक आक्रमण के समय हुआ था। इसमें हम्मीर देव चौहान विश्वासघात के परिणामस्वरूप वीरगति को प्राप्त हुआ तथा उसकी पत्नी रंगादेवी ने जौहर किया था। इसे राजस्थान के गौरवशाली इतिहास का प्रथम साका माना जाता है। 5. जालौर का साका- कान्हड़देव के शासनकाल में 1311 - 12 में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय हुआ था।

राजस्थान की खारे पानीकी झीले

1. साँभर झील - यह राजस्थान की सबसे बड़ी झील है। यहाँ उत्पादित नमक उत्तम किस्म का होता है। यहाँ राज्य के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत नमक उत्पन्न किया जाता है। इसका अपवाह क्षेत्र लगभग 500 वर्ग किमी में फैला है जिसमे रूपनगढ़, खारी व खंडेला आदि नदियाँ आकर मिलती है। यह झील दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर लगभग 32 किमी लंबी तथा 3 से 12 किमी तक चौड़ी है। ग्रीष्मकाल में वाष्पीकरण की तीव्र दर से होने के कारण इसका आकार बहुत कम रह जाता है। इस झील में प्रतिवर्ग किमी क्षेत्र में 6000 टन नमक होने का अनुमान है। इसका क्षेत्रफल लगभग 140 वर्ग किमी है। इसके पानी से नमक बनाया जाता है। यहां नमक उत्पादन सांभर साल्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी। यहां सोडियम सल्फेट संयंत्र स्थापित किया गया है जिससे 50 टन सोडियम सल्फेट प्रतिदिन बनाया जाता है। यह झील जयपुर व नागौर जिले की सीमा पर स्थित है तथा यह जयपुर की फुलेरा तहसील में जयपुर से लगभग 60 किमी दूर है। 2. डीडवाना झील - यह नागौर जिले के डीडवाना नगर के समीप स्थित है। यह 10 वर्ग किमी में फैली है। इससे राजस्थान स्टेट साल्ट्स वर्क्स द्वारा नमक तैयार किया जाता है। यहाँ नमक का उत्पादन निजी इकाइयों द्वारा भी किया जाता है जिन्हें 'देवल' कहते हैं। इनमें नमक पुराने तरीके से बनाया जाता है। डीडवाना से 8किमी दूर राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स डीडवाना, जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी, द्वारा स्थापित सोडियम सल्फेट का संयंत्र भी है। यह क्षेत्र नमक उत्पादन की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ उत्पादित नमक की लागत कम आती हैकिन्तु यहाँ नमक में सोडियम सल्फेट की मात्रा अधिक होने की वजह से अखाद्य नमक का उत्पादन अधिक होता है जिसको बेचने में कठिनाई आती है। 3. पंचपद्रा झील - बाड़मेर जिले में पंचपद्रा नगरके निकट यह स्थित है। यह लगभग 83 वर्ग किमी क्षेत्र मेँ स्थित है। यह वर्षा के जल पर निर्भर नहीं है बल्कि नियतवाहीजल स्रोतों से इसे पर्याप्त खारा जल मिलता रहता है। यहाँ कानमक समुद्री नमक के समान होता है। इससे तैयार नमक में 98 प्रतिशत तक सोडियम क्लोराइड कीमात्रा होती है। यहाँ खखाण जाति के लोग नमक बनाने का कार्यकरते हैं। यहाँ राजस्थान स्टेटसाल्ट्स वर्क्स, पंचपदरा (स्थापना- 1960) द्वारा खाद्य, अखाद्य, औद्योगिक व आयोडिन युक्त नमक तैयार किया जाता है। 4. लूणकरणसर झील - यह बीकानेर के उत्तर-पूर्व में लगभग 80 किमी दूर स्थित है। इसके पानी में लवणीयता की कमी है अत: बहुत थोड़ी मात्रा में नमक बनाया जाता है। यह झील 6 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली है। 5. पोकरण झील - यह जैसलमेर जिले में स्थित है। इससे उत्तम किस्म का नमक प्रतिवर्ष लगभग 6000 टन बनाया जाता है। 6. फलौदी झील - यह जोधपुर जिले में स्थित है जिससे प्रतिवर्ष लगभग एक लाख टन नमक तैयार किया जाता है। 7. कुचामन झील - नागौर जिले के कुचामन सिटी के परिक्षेत्र में स्थित इस झील से लगभग 12000 टन वार्षिक नमक बनाया जाता है। 8. सुजानगढ़ झील - यह झील चुरु जिले में है तथा इससे लगभग 24000 टन वार्षिक नमक बनाया जाता है। कुचामन, फलौदी व सुजानगढ़ में कुओं से भीनमक बनाया जाता है। 9. जाब्दीनगर - सांभर के निकट नागौर जिले में यह एक नया नमक स्रोत विकसित किया जा रहा है।

राजस्थान के रीति-रिवाज

आठवाँ पूजन
स्त्री के गर्भवती होने के सात माह पूरे कर लेती है तब इष्ट देव का पूजन किया जाता है और प्रीतिभोज किया जाता है।
पनघट पूजन या जलमा पूजन
बच्चे के जन्म के कुछ दिनों पश्चात (सवा माह बाद) पनघट पूजन या कुआँ पूजन की रस्म की जाती है इसे जलमा पूजन भी कहते हैं।
आख्या
बालक के जन्म के आठवें दिन बहनेजच्चा को आख्या करती है और एक मांगलिक चिह्न 'साथिया' भेंट करती है।
जड़ूला उतारना
जब बालक दो या तीन वर्ष का हो जाता है तो उसके बाल उतराए जातेहैं। वस्तुतः मुंडन संस्कार कोही जडूला कहते हैं।
सगाई
वधू पक्ष की ओर से संबंध तय होने पर सामर्थ्य अनुसार शगुन के रुपये तथा नारियल दिया जाता है।
बिनौरा
सगे संबंधी व गाँव के अन्य लोग अपने घरों में वर या वधू तथा उसके परिवार को बुला कर भोजन कराते हैं जिसे बिनौरा कहते हैं।
तोरण
यह जब बारात लेकर कन्या के घर पहुँचता है तो घोड़ी पर बैठे हुएही घर के दरवाजे पर बँधे हुए तोरण को तलवार से छूता है जिसे तोरण मारना कहते हैं। तोरण एक प्रकार का मांगलिक चिह्न है।
खेतपाल पूजन
राजस्थान में विवाह का कार्यक्रम आठ दस दिनों पूर्व ही प्रारंभ हो जाते हैं। विवाह से पूर्व गणपति स्थापना से पूर्व के रविवार को खेतपाल बावजी (क्षेत्रपाल लोकदेवता) की पूजा की जाती है।
कांकन डोरडा
विवाह से पूर्व गणपति स्थापना के समय तेल पूजन कर वर या वधू केदाएँ हाथ में मौली या लच्छा को बंट कर बनाया गया एक डोरा बाँधते हैं जिसे कांकन डोरडा कहते हैं। विवाह के बाद वर के घर में वर-वधू एक दूसरे के कांकन डोरडा खोलते हैं।
बान बैठना व पीठी करना
लग्नपत्र पहुँचने के बाद गणेश पूजन (कांकन डोरडा) पश्चात विवाह से पूर्व तक प्रतिदिन वर व वधू को अपने अपने घर में चौकी पर बैठा कर गेहूँ का आटा, बेसन में हल्दी व तेल मिला कर बने उबटन (पीठी) से बदन को मला जाता है, जिसको पीठी करना कहते हैं। इस समय सुहागन स्त्रियाँ मांगलिक गीत गाती है। इस रस्म को 'बान बैठना' कहते हैं।
बिन्दोली
विवाह से पूर्व के दिनों में वरव वधू को सजा धजा और घोड़ी पर बैठा कर गाँव में घुमाया जाता है जिसे बिन्दोली निकालना कहतेहैं।
मोड़ बाँधना
विवाह के दिन सुहागिन स्त्रियाँ वर को नहला धुला कर सुसज्जित कर कुलदेवता के समक्षचौकी पर बैठा कर उसकी पाग पर मोड़ (एक मुकुट) बांधती है।
बरी पड़ला
विवाह के समय बारात के साथ वर के घर से वधू को साड़ियाँ व अन्य कपड़े, आभूषण, मेवा, मिष्ठान आदि की भेंट वधू के घर पर जाकर दी जाती है जिसे पड़ला कहते हैं। इसभेंट किए गए कपड़ों को 'पड़ले का वेश' कहते हैं। फेरों के समय इन्हें पहना जाता है।
मारत
विवाह से एक दिन पूर्व घर में रतजगा होता है, देवी-देवताओं कीपूजा होती है और मांगलिक गीत गाए जाते हैं। इस दिन परिजनों को भोजन भी करवाया जाता है। इसेमारत कहते हैं।
पहरावणी या रंगबरी
विवाह के पश्चात दूसरे दिन बारात विदा की जाती है। विदाई में वर सहित प्रत्येक बाराती को वधूपक्ष की ओर से पगड़ी बँधाईजाती है तथा यथा शक्ति नगद राशिदी जाती है। इसे पहरावणी कहा जाता है।
सामेला
जब बारात दुल्हन के गांव पहुंचती है तो वर पक्ष की ओर से नाई या ब्राह्मण आगे जाकर कन्यापक्ष को बारात के आने की सूचना देता है। कन्या पक्ष की ओर उसे नारियल एवं दक्षिणा दी जाती है। फिर वधू का पिता अपने सगे संबंधियों के साथ बारात का स्वागत करता है, स्वागत की यह क्रिया सामेला कहलाती है।
बढार
विवाह के अवसर पर दूसरे दिन दिया जाने वाला सामूहिक प्रीतिभोज बढार कहलाता है।
कुँवर कलेवा
सामेला के समय वधू पक्ष की ओर से वर व बारात के अल्पाहार के लिए सामग्री दी जाती है जिसे कुँवर कलेवा कहते हैं।
बींद गोठ
विवाह के दूसरे दिन संपूर्ण बारात के लोग वधू के घर से कुछ दूर कुएँ या तालाब पर जाकर स्थान इत्यादि करने के पश्चात अल्पाहार करते हैं जिसमें वर पक्ष की ओर से दिए गए कुँवर-कलेवे की सामग्री का प्रयोग करते है। इसे बींद गोठ कहते हैं।
मायरा
राजस्थान में मायरा भरना विवाहके समय की एक रस्म है। इसमें बहन अपनी पुत्री या पुत्र का विवाह करती है तो उसका भाई अपनीबहन को मायरा ओढ़ाता है जिसमें वह उसे कपड़े, आभूषण आदि बहुत सारी भेंट देता है एवं उसे गले लगाकर प्रेम स्वरुप चुनड़ी ओढ़ाता है। साथ ही उसके बहनोई एवं उसके अन्य परिजनों को भी कपड़े भेंट करता है।
डावरिया प्रथा
यह रिवाज अब समाप्त हो चुका है।इसमें राजा-महाराजा और जागीरदार अपनी पुत्री के विवाहमें दहेज के साथ कुँवारी कन्याएं भी देते थे जो उम्र भर उसकी सेवा में रहती थी। इन्हें डावरिया कहा जाता था।
नाता प्रथा
कुछ जातियों में पत्नी अपने पति को छोड़ कर किसी अन्य पुरुष के साथ रह सकती है। इसे नाता करना कहते हैं। इसमें कोई औपचारिक रीति रिवाज नहीं करना पड़ता है। केवल आपसी सहमति ही होती है। विधवा औरतें भी नाता कर सकती है।
नांगल
नवनिर्मित गृहप्रवेश की रस्म को नांगल कहते हैं।
मौसर
किसी वृद्ध की मृत्यु होने पर परिजनों द्वारा उसकी आत्मा की शांति के लिए दिया जाने वाला मृत्युभोज मौसर कहलाता है।