Thursday, August 22

Rajasthan gk

राजस्थान के प्रसिद्ध स्थल
1. गुलाबी नगरी के रूप में प्रसिद्ध जयपुर राजस्थान
राज्य की राजधानी है।
2. जयपुर इसके भव्य किलों, महलों और सुंदर
झीलों के लिए प्रसिद्ध है, जो विश्वभर से
पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
3. सिटी पैलेस महाराजा जयसिंह (द्वितीय)
द्वारा बनवाया गया था और मुगल औऱ
राजस्थानी स्थापत्य का एक संयोजन है।
4. महराजा सवाई प्रताप सिंह ने हवामहल 1799
ईसा में बनवाया और वास्तुकार लाल चन्द उस्ता थे

5. आमेर दुर्ग में महलों, विशाल कक्षों, स्तंभदार
दर्शक-दीर्घाओं, बगीचों और मंदिरों सहित कई भवन-
समूह हैं।
6. आमेर महल मुगल औऱ हिन्दू स्थापत्य
का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
7. गवर्नमेण्ट सेन्ट्रल म्यूजियम 1876 में, जब
प्रिंस ऑफ वेल्स ने भारत भ्रमण किया,सवाई
रामसिंह द्वारा बनवाया गया था और 1886 में
जनता के लिए खोला गया ।
8. गवर्नमेण्ट सेन्ट्रल म्यूजियम में हाथीदांत
कृतियों, वस्त्रों, आभूषणों, नक्काशीदार काष्ठ
कृतियों, सूक्ष्म चित्रों संगमरमर प्रतिमाओं,
शस्त्रों औऱ हथियारों का समृद्ध संग्रह है।
9. सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने
अपनी सिसोदिया रानी के निवास के लिए
'सिसोदिया रानी का बाग' बनवाया।
10. जलमहल, शाही बत्तख शिकार-गोष्ठियों के
लिए बनाया गया, झील के बीच स्थित एक सुंदर
महल है।
11. 'कनक वृंदावन' जयपुर में एक लोकप्रिय विहार
स्थल है।
12. जयपुर के बाजार जीवंत हैं और दुकाने रंग बिरंगे
सामानों से भरी है, जिसमें हथकरघा उत्पाद, बहुमूल्य
पत्थर, वस्त्र, मीनाकारी सामान, आभूषण,
राजस्थानी चित्र आदि शामिल हैं।
13. जयपुर संगमरमर की प्रतिमाओं, ब्लू पॉटरी औऱ
राजस्थानी जूतियों के लिए भी प्रसिद्ध है।
14. जयपुर के प्रमुख बाजार, जहां से आप कुछ
उपयोगी सामान खरीद सकते हैं, जौहरी बाजार, बापू
बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार
और एम.आई. रोड़ के साथ साथ हैं।
15. जयपुर शहर के भ्रमण का सर्वोत्तम समय
अक्टूबर से मार्च है।
16. राजस्थान राज्य परिवहन निगम (RSTC)
की उत्तर भारत के सभी प्रसुख गंतव्यों के लिए बस
सेवाएं हैं।
17. वज्रांग मंदिर : जयपुर के निकट विराट नगर
(पुराना नाम बैराठ ) नामक एक है. यह वही स्थान है
जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास किया था. यहीं पञ्चखंड
पर्वत पर भारत का सबसे अनोखा और एकमात्र
हनुमान मंदिर है जहाँ हनुमान जी की बिना बन्दर
की मुखाकृति और बिना पूंछ वाली मूर्ति स्थापित है.
इसका नाम वज्रांग मंदिर है और
इसकी स्थापना अमर स्वतंत्रता सेनानी,
यशश्वी लेखक महात्मा रामचन्द्र वीर ने की थी.
भरतपुर
17. ‘पूर्वी राजस्थान का द्वार’ भरतपुर , भारत के
पर्यटन मानचित्र में अपना महत्व रखता है।
18. भारत के वर्तमान मानचित्र में एक प्रमुख
पर्यटक गंतव्य, भरतपुर पांचवी सदी ईसा पूर्व से
कई अवस्थाओं से गुजर चुका है।
19. 18 वीं सदी का भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य, जो
केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान के रूप में
भी जाना जाता है।
20. 18 वीं सदी का भरतपुर पक्षी अभयारण्य,
जो केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान के रूप में
भी जाना जाता है,संसार के सबसे महत्पूर्ण
पक्षी प्रजनन और निवास के रूप में प्रसिद्ध है।
21. लोहागढ़ आयरन फोर्ट के रूप में
भी जाना जाता है, लोहागढ़ भरतपुर के प्रमुख
ऐतिहासिक आकर्षणों में से एक है।
22. भरतपुर संग्रहालय राजस्थान के विगत
शाही वैभव के साथ शौर्यपूर्ण अतीत के
साक्षात्कार का एक प्रमुख स्रोत है।
23. एक सुंदर बगीचा, नेहरू पार्क, जो भरतपुर
संग्रहालय के पास है।
24. नेहरू पार्क- रंग बिरंगे फूलों और हरी घास के
मैदान से भरा हुआ है, इसकी उत्कृष्ट
सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
25. डीग पैलेस एक मजबूत औऱ बहुत बड़ा राजमहल
है, जो भरतपुर के शासकों के लिए ग्रीष्मकालीन
आवास के रूप में कार्य करता था ।
जोधपुर
28. राजस्थान राज्य के पश्चिमी भाग में केन्द्र में
स्थित, जोधपुर शहर राज्य का दूसरा सबसे
बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ
मंदिरों को प्रस्तुत करते हुए एक लोकप्रिय पर्यटक
गंतव्य है।
29. राजस्थान राज्य के पश्चिमी भाग केन्द्र में
स्थित, जोधपुर शहर राज्य का दूसरा सबसे
बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ
मंदिरों को प्रस्तुत करते हुए एक लोकप्रिय पर्यटक
गंतव्य है।
30. शहर की अर्थव्यस्था हथकरघा, वस्त्रों और
कुछ धातु आधारित उद्योगों को शामिल करते हुए कई
उद्योगों पर निर्भर करती है।
31. रेगिस्तान के हृदय में स्थित, राजस्थान का यह
शहर राजस्थान के अनन्त मुकुट का एक भव्य रत्न
है।
32. राठौंड़ों के रूप में प्रसिद्ध एक वंश के प्रमुख,
राव जोधा ने मृतकों की भूमि कहलाये गये, जोधपुर
की 1459 में स्थापना की।
33. मेहरानगढ़ दुर्ग , 125 मीटर की पर्वत चोटी पर
स्थित औऱ 5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ,
भारत के सबसे बड़े दुर्गों में से एक है।
34. मेहरानगढ़ दुर्ग के अन्दर कई सुसज्जित महल
जैसे मोती महल , फूल महल, शीश महल स्थित हैं।
35. मेहरानगढ़ दुर्ग के अन्दर संग्रहालय में
भी सूक्ष्म चित्रों, संगीत वाद्य यंत्रों, पोशाकों,
शस्त्रागार आदि का एक समृद्ध संग्रह है।
36. मेहरानगढ़ दुर्ग के सात दरवाजे हैं औऱ शहर
का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
37. उम्मेद भवन पैलेस लाल बलुआ पत्थर और
संगमरमर से बना है और इसने महाराजा उम्मेद सिंह
के पर्यवेक्षण में 1929 से 1943 तक लगभग
16वर्ष लिये।
38. जसवंत ठाड़ा एक सफेद संगमरमर का स्मारक
है, जो महाराजा जसवन्त सिंह II की याद में 1899
में बनवाया था।
39. जोधपुर के शासकों के कुछ चित्र भी जसवन्त
ठाड़ा पर प्रदर्शित किये गये हैं।
40. गवर्नमेण्ट म्यूजियम उम्मेद बाग के मध्य में
स्थित है और हथियारों, वस्त्रों, चित्रों,
पाण्डुलिपियों, तस्वीरों, स्थानीय कला और
शिल्पों का एक समृद्ध संग्रह रखता है।
41. बालसमन्द झील और महल एक कृत्रिम झील है
और एक शानदार विहार स्थल है और 1159
ईस्वीं में बनवाया गया था।
42. मारवाड़ प्रमुख उत्सव है,जो अक्टूबर के महीने
में मनाया जाता है।
43. जोधपुर इसके काष्ट और लौह फर्नीचर,
पारंपरिक जोधपुरी हस्तकला, रंगाई वस्त्रों, चमड़े के
जूतों, पुरातन वस्तुओँ, कसीदा किये पायदानों, बंधाई
और रंगाई की साड़ियों, चांदी के आभूषणों, स्थानीय
हस्तकलाओं और वस्त्रों, लाख कार्य औऱ
चूड़ियों के लिए जाना जाता है, कुछ सामान है
जो आप जोधपुर से खरीद सकते हैं।
44. सेन्ट्रल मार्केट, सोजती गेट, स्टेशन रोड़,
सरदार मार्केट, त्रिपोलिया बाजार, मोची बाजार,
लखेरा बाजार, जोधपुर में कुछ सबसे अच्छे
खरीददारी स्थानों में हैं।
45. अक्टूबर से मार्च जोधपुर शहर के भ्रमण
का सर्वोत्तम समय है।
46. बिना मीटर की टैक्सी, ऑटो रिक्शा, टेम्पो और
साईकिल रिक्शा जोधपुर शहर के अन्दर यातायात के
प्रमुख साधन है।
47. जोधपुर का इसका अपना हवाई अड्डा है जो
जयपुर, दिल्ली , उदयपुर , मुम्बई, और कुछ अन्य
प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
48. जोधपुर शहर ब्रोड् गेज रेल्वे लाईनों से सीधे
जुड़ा है, जो इसे राजस्थान के अन्दर और बाहर
प्रमुख स्थानो से जोड़ता है।
जैसलमेर
49. जैसलमेर गर्म और झुलसाने वाली ग्रीष्म ओर
ठंड़ी और जमाने वाली सर्दियों के साथ विशिष्ट
रेगिस्तानी वर्ग की जलवायु के लिए जाना जाता है।
50. अक्टूबर से फरवरी जैसलमेर भ्रमण का श्रेष्ठ
समय माना जाता है।
51. जैसलमेर से 16 किमी की दूरी पर स्थित,
लोदुरवा जैसलमेर की प्राचीन राजधानी थी।
52. जैसलमेर की बाहरी सीमा पर स्थित लोकप्रिय
सैर स्थलों में से एक, लोदुर्वा लोकप्रिय जैन मंदिर
के लिए जाना जाता है, जो वर्ष भर तीर्थयात्राओं
की एक बड़ी संख्या को आकर्षित करता है।
53. जैन मंदिर का मुख्य आर्षषण ‘कल्पतरू’ नामक
एक दैवीय वृक्ष है और लोकप्रिय नक्काशियां और
गुंबद मंदिर में अतिरिक्त आकर्षण को जोड़ते है।
54. वुड़ फॉसिल पार्क जैसलमेर के आस पास में
उपलब्ध उत्कृष्ट सैर स्थलों में से एक है।
55. लाखों वर्ष पुराने जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध,
वुड़ फॉसिल पार्क जैसलमेर में थार डेजर्ट का एक
भूवैज्ञानिक चिन्ह है।
56. थार डेजर्ट का सौन्दर्य, जैसलमेर से 42
किमी दूर स्थित, सम रेतीले टीलों द्वारा अच्छी तरह
बताया गया है।
57. सम रेत के टीले मानव
को प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है।
58. सैंकड़ों और हजारों पर्यटक साम रेतीले टीलों से
प्रकृति के अद्भुत कलात्मक दृश्य को देखने
राजस्थान आते हैं और यह स्थान ऊँट अभियान के
द्वारा अच्छी तरह बताया जा सकता है।
59. जैसलमेर के रेतीले शहर से 45 किमी दूर,
डेजर्ट नेशनल पार्क रेतीले टीलों और झाड़ियों से
ढकी पहाड़ियों के लिए जाना जाता है।
60. सैर की श्रेष्ठ जगह, डेजर्ट नेशनल पार्क काले
हिरण, चिन्कारा, रेगिस्तानी लेमड़ी और श्रेष्ठ
भारतीय बस्टर्ड के लिए प्रसिद्ध है।
61. जैसलमेर की सर्वश्रेष्ठ हवेलियों में से एक,
अमर सागर नक्काशीदार स्तंभों और बड़े
गलियारों और कमरों के लिए जानी जाती है।
62. खण्ड़ों के नमूनों पर निर्मित, अमर सागर
हवेली एक पांच मंजिल ऊँची, सुंदर भित्ती चित्रोंसे
सुसज्जित हवेली है। ६३। 63.
उदयपुर (उदयपुर पूरब का वेनिस)
63. उदयपुर मेवाड़ के प्राचीन राज्य की ऐतिहासिक
राजधानी है औऱ वर्तमान में उदयपुर जिले
का प्रशासनिक मुख्यालय है।
64. झीलों और महलो का शहर, उदयपुर हरी भरी
अरावली श्रेणी और स्फटिक स्वच्छ पानी की झील
द्वारा घिरा हुआ है।
65. रोमांच औऱ सौंदर्य का उत्तम संयोजन,
उदयपुर, चित्रकारों, कवियों, औऱ
लेखकों की कल्पना के लिए प्रथम चयन
हो सकता है।
66. उदयपुर राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित
है और अरावली श्रेणियों से घिरा हुआ है।
67. उदयपुर इसकी सुंदर झीलों, सुनिर्मित महलों, हरे
भरे बगीचों और मंदिरों के लिए जाना जाता है, लेकिन
इस जगह के प्रमुख आकर्षण लेक पैलेस और
सिटी पैलेस हैं।
68. सिटी पैलेस, उदयपुर पिछोला झील के किनारे पर
स्थित है, यह शीशे और कांच के कार्य से निर्मित
एक भव्य और प्रेरणादायी गढ़ है।
69. कलाओं और परिकल्पनाओं का एक उत्तम
संयोजन, सिटी पैलेस तकनीक और स्थापत्य में
इसकी उन्नति के लिए जाना जाता है।
70. सिटी पैलेस का एक भाग अब एक संग्रहालय में
परिवर्तित कर दिया है, जो कला औऱ साहित्य के
कुछ उत्तम रूपों को प्रदर्शित करता है।
71. उदयपुर कई संयुक्त आर्कषणों और प्राकृतिक
सौन्दर्य से धन्य है, राजस्थान का एक प्रसिद्ध
शहर इसके उत्कृष्य स्थापत्य और हस्तशिल्प के
लिए जाना जाता है।
72. जग मंदिर , फतेह प्रकाश पैलेस, क्रिस्टल
गैलरी, और शिल्पग्राम उदयपुर के आस पास में
स्थित कुछ श्रेष्ठ स्मारक और स्थान हैं।
73. जग मंदिर पिछोला लेक में स्थित एक द्वीप
महल है जो महाराजा करन सिंह ने राजकुमार खुर्रम
के शरण स्थल के लिए बनवाया था।
74. जग मंदिर इसके सुंदर बगीचों, प्रांगण और
स्लेटी और नीले पत्थर में प्रदर्शिरत नक्काशीदार
“छत्री” के लिए भी जाना जाता है।
75. फतेह प्रकाश पैलेस विलासिता और सौर्दर्य
का एक उत्तम उदाहरण है जो उदयपुर
को शाही आतिथ्य औरsundar hai संस्कृति के
शहर के रूप में अभिव्यक्त करता है।
76. शिल्पग्राम आधुनिक अवधारणा को कम
प्रमुखता देते हुए, गांव की अवधारणा पर
बनाया गया है।
77. कलाओं, संस्कृति और शिल्प का एक उत्तम
मिश्रण शिल्पग्राम में प्रदर्शित किया गया है और
इसके मिट्टी के काम के लिए जाना जाता है,
जो मुख्यतः गहरी भूरी और गहरी लाल मिट्टी में
किया जाता है।
78. मेवाड़ उत्सव उदयपुर के महत्वपूर्ण उत्सवों में
से एक है और प्रतिवर्ष अप्रैल माह में
मनाया जाता है।
79. उदयपुर में खरीददारी हमेशा एक
सुखदायी अनुभव है और यह स्थानीय
व्यापारियों द्वारा विकसित उत्कृष्ट हस्तशिल्प और
कार्यों को दिखाती है।
80. उदयपुर के मुख्य बाजार पैलेस रोड़, हाथी पोल,
बड़ा बाजार, बापू बाजार और चेतक सर्किल हैं।
राजस्थली राजस्थान सरकार का स्वीकृति प्राप्त
विक्रय केन्द्र है।
81. सितंबर से मार्च उदयपुर भ्रमण का सबसे
उत्तम मौसम है।
बीकानेर
82. राजसी शहर बीकानेर का एक अद्वितिय
कालजयी आकर्षण है।
83. राजस्थान का यह रेगिस्तानी शहर इसके
आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें दुर्ग , मंदिर ,
और कैमल फेस्टिवल शामिल हैं। ऊँटों के देश के रूप
में प्रचलित बीकानेर नें औद्योगिक क्षेत्र में भी एक
छाप बनाई है।
84. इसकी बीकानेरी मिठाइयों औऱ नाश्ते के लिए
संसार में सुप्रसिद्ध, बीकानेर का प्रगतिशील पर्यटन
उद्योग भी राजस्थान की अर्थव्यवस्था में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
85. एक रोमांचक ऊँट की सवारी की आशा करने वाले
पर्यटकों के लिए बीकानेर एक प्रमुख केन्द्र भी है,
जो सुदूर राजस्थान की उत्तम जीवन शैली में
अन्तदृष्टी प्रदान करता है।
86. जूनागढ़ दुर्ग के अन्दर एक संग्रहालय है,
जिसमें बहुमूल्य पुरातन वस्तुओं का संग्रह है।
87. लालगढ़ पैलेस महाराजा गंगा सिंह
द्वारा बनवाया गया था और बीकानेर शहर से 3
किमी उत्तर में स्थित है।
88. दि राजस्थान टूरिज्म डवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन
(आर.टी.डी.सी.) ने लालगढ़ पैलेस का एक भाग एक
होटल में बदल दिया है।
89. लालगढ़ पैलेस के अन्दर एक पुस्तकालय भी है,
जिसमें ब़डी संख्या में संस्कृत पाण्डुलिपियां हैं।
90. गजनेर वन्य जीव अभ्यारण्य बीकानेर शहर से
32 किमी दूर है औऱ जानवरों और पक्षियों की कई
प्रजातियों का घर है।
91. भाण्डेश्वर और साण्डेश्वर मंदिर
दो भाईयों द्वारा बनवाये गये थे और जैन तीर्थंकर,
पार्श्वनाथ जी को समर्पित हैं।
92. कांच का कार्य और सोने के वर्क के चित्र
भाण्डेश्वर औऱ साण्डेश्वर मंदिरों के प्रमुख
आकर्षण हैं।
93. दि गंगा गोल्डन जुबली म्यूजियम में मिट्टी के
बर्तनों, चित्रों, कालीनों, सिक्कों और
शस्त्रागारों का एक बड़ा संग्रह है। 94.
94. केमल फेस्टीवल प्रतिवर्ष जनवरी महीने में
मनाया जाता है और राजस्थान के डिपार्टमेन्ट ऑफ
टूरिज्म, आर्ट एण्ड कल्चर द्वारा आयोजित
किया जाता है।
95. प्रसिद्ध बीकानेरी भुजिया और
मिठाईयां बीकानेर में खरीददारी के कुछ सबसे अच्छे
सामान हैं।
माउण्ट आबू
96. माउण्ट आबू, अरावली श्रेणी के दक्षिणी शिखर
पर स्थित, राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय स्थल
है।
97. ब्रिटिश शासन के दौरान माउण्ट आबू
अंग्रेजों का मनपसंद ग्रीष्मकालीन गन्तव्य बन
गया ।
98. गौमुख मंदिर भगवान राम को समर्पित है, यह
छोटा मंदिर माउण्ट आबू के 4 किमी दक्षिण मे
स्थित है और इसका नाम एक संगमरमर का गाय के
मुंह से बहते हुए एक प्राकृतिक झरने से लिया है।
99. नक्की झील, एक कृत्रिम झील कस्बे के हृदय
में स्थित है और सुदृश्य पहाड़ियों, सुंदर बगीचों से
घिरा हुआ है और एक अवश्य दर्शनीय स्थान
है।.........................................
100. मराठा सम्राट शिवाजी राजे
मंदिर ..............................................
सीकर जिला
101. हर्षनाथ मंदिर, 102. जीण माता मंदिर ,
103. लोहार्गल, 104. सांई मंदिर, 105.
खाटूश्यामजी।